प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए आगे भी लिखित परीक्षा ही होगी। यह जरूर है कि बीती 27 मई को जिस स्वरूप में परीक्षा हुई, वह आगे नहीं जारी रहेगा। परीक्षा पैटर्न सहित कई तरह के बदलाव करने की तैयारी है। इतना ही नहीं, पिछली परीक्षा जैसा उत्तीर्ण प्रतिशत भी अब आगे होने के आसार नहीं हैं, बल्कि उसमें और कमी की जाएगी। दिसंबर माह में प्रस्तावित परीक्षा में कुछ बदलाव सुधार के लिए तो कई जल्द चयन के लिए किए जा रहे हैं।
योगी सरकार ने पिछले वर्ष बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में लिखित परीक्षा से कराने का अहम निर्णय लिया था। 27 मई को हुई पहली लिखित परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी और शिक्षा महकमे के अफसर दोनों कई मोर्चो पर जूझते रहे। यही वजह है कि अब तक परीक्षा परिणाम और नियुक्ति का विवाद थम नहीं रहा है। इन विवादों से अफसरों ने कई सबक भी सीखे हैं। परीक्षा और उसके परिणाम को लेकर अगली बार कोई विवाद न हो, इसलिए अभी से मंथन शुरू है।
अफसरों की मानें तो पिछली भर्ती में विभिन्न वर्गों के लिए उत्तीर्ण प्रतिशत अंक को लेकर रिजल्ट आने तक ऊहापोह बना रहा और दो बार उसे बदला गया। इस बार उत्तीर्ण प्रतिशत नए सिरे से तय होगा। यह भी लगभग तय है कि आगामी परीक्षा में सामान्य व ओबीसी के लिए 45 और एससी/ एसटी के लिए 40 प्रतिशत उत्तीर्ण प्रतिशत नहीं होगा। उत्तीर्ण प्रतिशत को कम करने पर विचार हो रहा है। ऐसे संकेत हैं कि सामान्य, ओबीसी के लिए 40 और एससी/एसटी के लिए 35 फीसद उत्तीर्ण प्रतिशत अंक करने की तैयारी है। अगली बार होने वाली परीक्षा के पाठ्यक्रम में उर्दू को भी जगह मिल सकती है। यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था। बाकी पाठ्यक्रम पहले जैसा होगा। परीक्षा परिणाम जल्द घोषित हो सके और उत्तर पुस्तिका दिखाने का झंझट न हो, इसके लिए परीक्षा ओएमआर शीट पर कराने की सहमति बन चुकी है।
96000 teachers recruitment exams will be held in many changes
योगी सरकार ने पिछले वर्ष बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में लिखित परीक्षा से कराने का अहम निर्णय लिया था। 27 मई को हुई पहली लिखित परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी और शिक्षा महकमे के अफसर दोनों कई मोर्चो पर जूझते रहे। यही वजह है कि अब तक परीक्षा परिणाम और नियुक्ति का विवाद थम नहीं रहा है। इन विवादों से अफसरों ने कई सबक भी सीखे हैं। परीक्षा और उसके परिणाम को लेकर अगली बार कोई विवाद न हो, इसलिए अभी से मंथन शुरू है।
अफसरों की मानें तो पिछली भर्ती में विभिन्न वर्गों के लिए उत्तीर्ण प्रतिशत अंक को लेकर रिजल्ट आने तक ऊहापोह बना रहा और दो बार उसे बदला गया। इस बार उत्तीर्ण प्रतिशत नए सिरे से तय होगा। यह भी लगभग तय है कि आगामी परीक्षा में सामान्य व ओबीसी के लिए 45 और एससी/ एसटी के लिए 40 प्रतिशत उत्तीर्ण प्रतिशत नहीं होगा। उत्तीर्ण प्रतिशत को कम करने पर विचार हो रहा है। ऐसे संकेत हैं कि सामान्य, ओबीसी के लिए 40 और एससी/एसटी के लिए 35 फीसद उत्तीर्ण प्रतिशत अंक करने की तैयारी है। अगली बार होने वाली परीक्षा के पाठ्यक्रम में उर्दू को भी जगह मिल सकती है। यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था। बाकी पाठ्यक्रम पहले जैसा होगा। परीक्षा परिणाम जल्द घोषित हो सके और उत्तर पुस्तिका दिखाने का झंझट न हो, इसके लिए परीक्षा ओएमआर शीट पर कराने की सहमति बन चुकी है।
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